Bhukhe Bhagati Na Kijai
1. भूखे भगति न कीजै
1.1.
भूखे भगति न कीजै ॥
यह माला अपनी लीजै ॥
हउ मांगउ संतन रेना ॥
मै नाही किसी का देना ॥
माधो कैसी बनै तुम संगे ॥
आपि न देहु त लेवउ मंगे ॥ [रहाऊ]
दुई सेर मांगउ चूना ॥
पाउ घीउ संगि लूना ॥
अध सेरू मांगउ दाले ॥
मो कउ दोनउ वखत जिवाले ॥
खाट मांगउ चउपाइ ॥
सिरहाना अवर तुलाई ॥
ऊपर कउ मांगउ खींधा ॥
तेरी भगति करै जनु थींधा ॥
मै नाही कीता लबो ॥
इक नाउ तेरा मै फबो ॥
कहि कबीर मनु मानिआ ॥
मनु मानिआ तउ हरि जानिआ ॥